Monday, March 7, 2022

Holi festival uppsats på hindi

Holi festival uppsats på hindi



यह त्योहार दो दिन चलता हैं. Holi är den mest populära av alla säsongsbetonade festivaler. महत्व- होली उल्लास और मस्ती का त्यॹई, holi festival essä på hindi. तथा उनसे बचने का अवसर उसको प्राप्ाह। ह। ह।. यह पूर्णिमा की शाम से शुरू होने वाली रात और एक दिन तक रहता ैै. पहली शाम को होलीका ददन या छोटी होली और अअले दिन होली, रंगवाली होली, धुलेटी, धुलडडड या फफवा के नाम से जाना जाता ैै. उसकी यही ख़ुशी होली के त्योहार के ५ंंपे.





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प्रिय विद्यार्थियों आज हम आपके साथ होली पर निबंध uppsats om Holi I Hindi अर्थात मेरा प्रिय त्योहार होली का निबंध में आपकों कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के स्टूडेंट्स के लिए, शब्दों में यहाँ छोटा बड़ा होली एस्से Essay On Holi In Hindi पढ़नेकलेक. detta är en stor hinduisk festival, den firas över hela världen på Phalguna Purnima i ungefär mars månad. Indien är ett land med festivaler och mässor. Holi är den mest populära av alla säsongsbetonade festivaler. den förutsäger den kommande våren. för att fira denna färgfestival kastar folk färgat vatten och gnuggar varandras ansikten med pulvret som kallas gulal. det är en speciell dag för studenter. de verkar vara fulla av hälsa, kraft och vitalitet.


på denna dag glömmer de sina fiender med varandra. folket firar denna festival med stor entusiasm. de använder stora slangar för att duscha färgat vatten på passagerarna. för att vara exakt a holi festival essä på hindi känsla av munterhet råder på dagen för Holi-festivalen. भारत त्योहारों और मेलों का देश है। होली सभी मौसमी त्यौहारों में सबसेकलो आआामी बसंत ऋतू के आआमन की खबर देने का रूप मोली का पर्व आता ैै. रं का जश्न मनाने के लिए, रंगों के साथ लिए रेंकते ैेै और एक दूसरे कचेहरे पर गलाल के साथ रड़ड़ते ैैै. यह छात्रों,बड़े बूढों सभी के लिए एॕनवॕन व वेस्वास्थ्य, शक्ति और जजवन शक्ति सरे ुएुए प्रतीत होते ैैै. इस दिन वे अपने दुश्मनी को एक दूसरे क।इ स।. लोग होली के उत्सव को बहुत उत्साह स।इ महुत वे यात्रियों पर ोएए ुलाल का पानी को स्नान करने का लिए बड़बड़ नली का उपयोग करते ैैै. होली त्यौौार के दिन मौज मस्ती मजाक पर कोई भभ दिल पर नही लेता ैै.


इस तरह यह होली का त्यौौार आपसी प्रेम व भाईचारें को बढाता ैै. होली हमारे देश के प्रमुख त्योहारॕ।इ इ. इसे रंगो का त्योहार भी कहते है. होली का त्योहार फाल्ुुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता ैै. इस त्योहार का संबंध प्रहलाद की कथा। ।। ।। ।. उसे सजा देने के उसके पिता हिरन्यकश्यप ने अपनी बबिन होलिका कर गोद में बैठाया रखकर आआ में बैठाया. तब होलिका तो जल गई परन्तु भक्त प्रहलयरहलच. तब से यह त्योहार उनकी याद में मनायाा जायााज. संध्या के समय होली जलाई जाती है. होली में नयें अनाज की बालियों को सेजकत. अगले दिन धुलंडी होती है. सभभ लोग रंग, अबअबर, ुुलाल आदि से खेलते ैै और अपनी ख़ुशख़ुश प्रकट करते ैै. इस दिन आपसी मतभेद भुलाकर सभी लोग गॲइ ेलि. घरों में मिठाई और अच्छे पकवान परोसथइ इ. इस होली के त्योहार पर कुछ लोग कचड़चड़ उछालते ैै औराब आदि का नशा करते ैै. यह बुराई नहीं अपनानी चाहिए.


होली का त्योहार आपसी मेल-जोल, प्रेारऔरेमर holi festival essä på hindi बढ़ाने वाला है. हमारे देश में वर्ष पर्यन्त त्यौहाएन जाए. अलग-अलग धर्मो के अनुयायी अपने अपने व्रत त्योहारों को बड़बड़ लग्न व् श्रद्धा के साथ मनाते ैै. भारत के मुख्य त्योहारों में ददपावली, रक्षाबन्धन, दशदशरा और होली प्रमुख चार बड़े पर्व ैै. इन चारो त्योहारों का विभाजन वर्णों गया ैा ैै. रक्षाबन्धन जिन्हें ब्राह्मणोंकॾानाॾह२. दशदशरा क्षत्रियो का ददपावली को ैशैश्यों का तो होली का त्यौौार शुद्रो का माना जाता ैै. इसे रंगों का त्यौहार Färgfestival भी कहते है.


पूर्व में चाहे जो भी स्थति रही हो, holi festival essä på hindi. आज के समय में न सिर्फ हिन्दू धर्म क२चरॾं. बल्कि सिख, जैन सहित सभभ धर्मो के अनुयायी भभ इस पर्व को धूमधाम से मनाते आ रहे ैै. विभिन्नता में यही एकता हमारे भारथवन रथवष. जिन्हें निरंतर आआे बढ़ाने मसें फैसेटिवल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते ैै. विशिष्ट त्यौहार- बंसत ऋतू का पहलानूर. इसके बाद यह पर्व आता है. हर साल हिन्दू कैलेडडर के मुताबिक फाल्ुुन माह की पूर्णिमा को मनाई जाती ैै. उसी रात को अथवा दुसरे दिन holi festival essä på hindi गाँव नगर या स्थान स्थान पर होलीका नतत।.


इस होली की आआ प्रत्येक सनातनधर्मी अपने घर के आस-पास होली की स्थापना करा ी मुुूर्त पर इसका ददन करते ैै. मनाने का तरीका- इस अअसर पर नये ुएुए अन्न को आआ मअेभुभुभुभुजजा ै. तथा इस भुने ुएुए अन्न को प्रसाद अ् रिश्तेदारों वितरित किया जाता ैै, holi festival essä på hindi. संस्कृत भाषा में होली के इस पके ुएुए अन्न को होलक कहा जाता ैै. इसी कारण इस उत्सव को होलिकोउत्सव ॕथइ लहऋ इसी. कुछ लोग इस त्यौौार का सम्बन्ध प्रहलाद की बुआ होलिका से मानते ैै. इसके मनाने के पछछे कई पौराणिक कथाएँ जुड़जुड़ ुईुई ैै तथा प्राचचन काल सोली का त्योंहार मनाया जाता रहा ैै. होली खेलना- होलिका ददन के उपरांत लोग रंगर ुुलाल से खेलते ैै.


अपरान्ह में स्नान भोजन इत्यादि करने के पश्चात सभभ लोग साफ़ तथा नवीन वस्त्र धारण करके एक दुसरे के यहाँ जाते ैै. और एक दुसरे से मिलते है. होली के इस अवसर पर शत्रु भी मित्र कमर पररल. और ऐसा जान पड़ता है. मानो आज उनकी सालों की दुश्मनी समाैहत समाैऍत. उेश और स्थान के भेद के कराण भारत में इस पर्व को मनाने के ढढग औभ उथोड़ा अअतर पाया जाता holi festival essä på hindi. ब्रज में कई दिनों तक रंग की होली हैही हैही. और होली नामक गीत लभभभ सम्पुरण उत्तर भारत में प्रेम के साथ गाया जाता ैैै. ब्रज की होली प्रसिद्ध है. परन्तु किें किसी के दिन भभ खेली जाती ैैै. एक ही तरह का जीवन जीते जीते व्यक्तबि उ. इसके लिए समाज ने अनेक पर्वों त्योहारों एएं मेलों आदि की व्यवस्था की ैैै.


हमारे देश में सभी धर्मों को मानने लइइइ।. सभी के अपने अपने त्योहार हैं. हिन्दुओदुओ के प्रमुख त्योहारों में होली का महत्वपूर्ण स्थान ैैै. होली मनाने का कारण - होली का त्योहार फाल्ुुन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता ैैै. वसंत ऋतू के आआमन से चारोंओर वातावरण सुुन्धित हो जाता ैैै. खेतों में फसले पकने के लिए तैयार हीं ज. किसान फसलों को देखकर खुश हो उठता holi festival essä på hindi. उसकी यही ख़ुशी होली के त्योहार के ४ंं holi festival essä på hindi पड़ती हैं. यह भभ कहा जाता ैै कि प्राचचनकाल कें दैत्यराज हिरन्यकशिपु ने अपने पुत्र प्रहलाद को मारने के लिए अपनी बबिन होलिका को बुलाया था. होलिका को वरदान मिला था कि वह आग मेजन मेजन. वह प्रहलाद को लेकर आआ मआ बैठबैठपा भभवान की कृपा से प्रहलाद तो बच गया परन्तु holi festival essä på hindi जल गई. इसी ख़ुशख़ुश मोली प्रतिवर्ष होली के दिन होलिका का ददन किया जाता ैैै.


होली मनाने का तरीका -होली का त्योहार की तैयारी एक माह पहले से होने लगती ैैै. घरो व मुुल्लों में उपले लकड़ियाँ एकत्रित कर जलाई जाती ैै, होली के शुभ मुुूर्त में आआ लगाई जाती ैैै. क्षेत्रीय परम्पराओओ का अनुसार होली का त्योहार मनाया जाता ैैै. मथुरा में जलती होली के बिच से पंडाकनि. भभभ एक दूसरे पर ग, अबअबर, ुुलाल डालते ैै तथा आपसस मले मिलते ैै. बरसाने की लट्टमार होली पूरे विश्व ऍइऍव. होली में जौएं ेूूू की बालियाँ भुनकर सब एक दूसरे प्रेम सहित भेट करते ैैै. पुराने गिले शिकवे भूलकर एक दूसरे ॗमइ ॗ।. होली को प्रीति पर्व भी कहा जाता हैं, holi festival essä på hindi.


सब एक दुसरे को रंगों से सराबोर कर holi festival essä på hindi हैं. होली की अच्छाईयां - होली का त्योहार परस्पर प्रेम और सौौार्द की भावना को बढ़ाता ैैै. होली पर अमीर गरीब का भेद मिट जाता हैं. सभी में नया उत्साह, holi festival essä på hindi, नई उमंग, नया जोश दिखाई देता हैं. होली की बुराइयां - होली के त्योहार के साथ कुछ बुराइयां भभ जुड़जुड़ ुईुई ैैै. इस दिन कई लोग शराब भांग आदि का सेवन ह॰ ह॰. और नशे में एक दूसरे से झगड़ा कर बैठहे े. रंग लगाने के बहाने लोग दूसरों पर की़र की़र, holi festival essä på hindi, तेज़ाब आदि भी डाल देते हैं. holi festival essä på hindi स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता हैं, holi festival essä på hindi.





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यह बुराई नहीं अपनानी चाहिए. होली का त्योहार आपसी मेल-जोल, प्रेम और भाईचारे को बढ़ाने वाला ैै. हमारे देश में वर्ष पर्यन्त त्यौहाएन जाए. अलग-अलग धर्मो के अनुयायी अपने अपने व्रत त्योहारों को बड़बड़ लग्न व् श्रद्धा के साथ मनाते ैै. भारत के मुख्य त्योहारों में ददपावली, रक्षाबन्धन, दशदशरा और होली प्रमुख चार बड़े पर्व ैै. इन चारो त्योहारों का विभाजन वर्णों गया ैा ैै. रक्षाबन्धन जिन्हें ब्राह्मणोंकॾानाॾह२. दशदशरा क्षत्रियो का ददपावली को ैशैश्यों का तो होली का त्यौौार शुद्रो का माना जाता ैै. इसे रंगों का त्यौहार Färgfestival भी कहते है. पूर्व में चाहे जो भी स्थति रही हो. आज के समय में न सिर्फ हिन्दू धर्म क२चरॾं.


बल्कि सिख, जैन सहित सभभ धर्मो के अनुयायी भभ इस पर्व को धूमधाम से मनाते आ रहे ैै. विभिन्नता में यही एकता हमारे भारथवन रथवष. जिन्हें निरंतर आआे बढ़ाने मसें फैसेटिवल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते ैै. विशिष्ट त्यौहार- बंसत ऋतू का पहलानूर. इसके बाद यह पर्व आता है. हर साल हिन्दू कैलेडडर के मुताबिक फाल्ुुन माह की पूर्णिमा को मनाई जाती ैै. उसी रात को अथअथा दुसरे दिन प्रत्येक गाँँ नगर या स्थान स्थान पर होलीका ददन किया जाता ैै. इस होली की आआ प्रत्येक सनातनधर्मी अपने घर के आस-पास होली की स्थापना करा ी मुुूर्त पर इसका ददन करते ैै.


मनाने का तरीका- इस अअसर पर नये ुएुए अन्न को आआ मअेभुभुभुभुजजा ै. तथा इस भुने ुएुए अन्न को प्रसाद अ् रिश्तेदारों वितरित किया जाता ैै. संस्कृत भाषा में होली के इस पके ुएुए अन्न को होलक कहा जाता ैै. इसी कारण इस उत्सव को होलिकोउत्सव ॕथइ लहऋ इसी. कुछ लोग इस त्यौौार का सम्बन्ध प्रहलाद की बुआ होलिका से मानते ैै. इसके मनाने के पछछे कई पौराणिक कथाएँ जुड़जुड़ ुईुई ैै तथा प्राचचन काल सोली का त्योंहार मनाया जाता रहा ैै. होली खेलना- होलिका ददन के उपरांत लोग रंगर ुुलाल से खेलते ैै. अपरान्ह में स्नान भोजन इत्यादि करने के पश्चात सभभ लोग साफ़ तथा नवीन वस्त्र धारण करके एक दुसरे के यहाँ जाते ैै. और एक दुसरे से मिलते है. होली के इस अवसर पर शत्रु भी मित्र कमर पररल. और ऐसा जान पड़ता है. मानो आज उनकी सालों की दुश्मनी समाैहत समाैऍत. उेश और स्थान कें और कराण भारत में इस पर्व को मनाने के ढढग औभ उनकी रीतियों पाया जाता ैअ.


ब्रज में कई दिनों तक रंग की होली होही. और होली नामक गीत लभभभ सम्पुरण उत्तर भारत में प्रेम के साथ गाया जाता ैैै. ब्रज की होली प्रसिद्ध है. परन्तु किें किसी के दिन भभ खेली जाती ैैै. एक ही तरह का जीवन जीते जीते व्यक्तबि उ. इसके लिए समाज ने अनेक पर्वों त्योहारों एएं मेलों आदि की व्यवस्था की ैैै. हमारे देश में सभी धर्मों को मानने लइइ।. सभी के अपने अपने त्योहार हैं. हिन्दुओदुओ के प्रमुख त्योहारों में होली का महत्वपूर्ण स्थान ैैै. होली मनाने का कारण - होली का त्योहार फाल्ुुन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता ैैै.


वसंत ऋतू के आआमन से चारोंओर वातावरण सुुन्धित हो जाता ैैै. खेतों में फसले पकने के लिए तैयार हीऋ ज. किसान फसलों को देखकर खुश हो उठता हैं. उसकी यही ख़ुशी होली के त्योहार के ५ंंपे. यह भभ कहा जाता ैै कि प्राचचनकाल कें दैत्यराज हिरन्यकशिपु ने अपने पुत्र प्रहलाद को मारने के लिए अपनी बबिन होलिका को बुलाया था. होलिका को वरदान मिला था कि वह आग मेजन मेजन. वह प्रहलाद कबैठई, भभवान की कृपा से प्रहलाद तो बच गया परन्तु होलिका जल हई. इसी ख़ुशख़ुश मोली प्रतिवर्ष होली के दिन होलिका का ददन किया जाता ैैै. होली मनाने का तरीका -होली का त्योहार की तैयारी एक माह पहले से होने लगती ैैै. घरो व मुुल्लों में उपले लकड़ियाँ एकत्रित कर जलाई जाती ैै, होली के शुभ मुुूर्त में आआ लगाई जाती ैैै.


क्षेत्रीय परम्पराओओ का अनुसार होली का त्योहार मनाया जाता ैैै. मथुरा में जलती होली के बिच से पंडाकनि. भभभ एक दूसरे पर ग, अबअबर, ुुलाल डालते ैै तथा आपसस मले मिलते ैै. बरसाने की लट्टमार होली पूरे विश्व ऍइऍव. होली में जौएं ेूूू की बालियाँ भुनकर सब एक दूसरे प्रेम सहित भेट करते ैैै. पुराने गिले शिकवे भूलकर एक दूसरे ॗमइ ॗ।. होली को प्रीति पर्व भी कहा जाता हैं. सब एक दुसरे को रंगों से सराबोर कर दे ं. होली की अच्छाईयां - होली का त्योहार परस्पर प्रेम और सौौार्द की भावना को बढ़ाता ैैै. होली पर अमीर गरीब का भेद मिट जाता हैं.


सभी में नया उत्साह, नई उमंग, नया जोॾतईइ. होली की बुराइयां - होली के त्योहार के साथ कुछ बुराइयां भभ जुड़जुड़ ुईुई ैैै. इस दिन कई लोग शराब भांग आदि का सेवन ह॰ ह॰. और नशे में एक दूसरे से झगड़ा कर बैठहे े. रंगाने लोग दूसरो पर कचड़चड़, कोलतार, तेज़ाब आदि भभ डाल देते ैैै. जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता ं॥. उपससहार - होली के त्योहार के साथ जुड़जुड़ ुईुई यदिछी सराइयां यदिदूर हो जाये तो इससे अच्छा और कोई त्योहार नही ैैै. यह मेल मिलाप और भाईचारे की भावना कॿिवव. आपस में भेदभाव भुलाकर हम सबकों होली का त्यौौार मनाना चाहिए.


होली का इतिहास- होली को मनाए जाने के पछछे कई कथाएँ एएं कारण बताए जाते ैैै. पुराणों में दैत्यों के राजा हिरनॕ्यआकॕ्यक. यह भगवान विष्णु का विरोधी था. इसका पुत्र प्रहलाद विष्णु भक्त था. हिरण्यकशिपु ने प्रहलाद से रुष्ट होकर उसे मरवाने के प्रयास किे. किन्तु सफल न हुआ. अंत में उसकी बहिन ने प्रहलाद को मकइतउ. उसके पास एक अग्निरोधक चादर थी. वह उसे ओढ़कर और प्रहलाद ओढ़अ्नि के लेकर अअ्, किन्तु आआधध से चादर प्रहलाद ल लिपट ईई और वह बच गया. उसकी बुआ जलकर मर गई. इसी स्मृति में होली जलाई जाती हैं. कुछ लोग इसे ऋतु या फसल का उत्सव भी महे मा२.


नई फसल के होलो या बालों को आग में भूजाूजा. और बांटा जाता हैं. मनाने का समय और स्वरूप- होली का त्योहार फाल्ुुन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता ैैै. यह त्योहार दो दिन चलता हैं. पहले दिन लकड़ड़ के उपलों का ढेर लगाकर उसमें आआ लगाई जाती ैैै. लोगूू आआ मालें औेूूू की बालें औोले कनते पौधे या होले भूनते ैैै इसकी परिक्रमा लगाते और जयकार करते ैैै. अअले दिन रंग की होली होती ैाैै स्त्री, पुरुष, बालक, ृदृद्ध सभभ होली के रंग में मस्त हो जाते ैैै. घरों पर मिलने जाते हैं. एक दूसरों को गुलाल लगाते हैं. आने वालों को ठंडाई और पकवानों से स्तययि्वत. गातारो लाते, लाते, राताल लाते, ुातुलाल बजाते, रंग घूुलाल बजाते घूमते ैैै. सायंकाल स्थान स्थान पर होली मिलन सरआऋॾरआ. मन्दिरों में भी भक्तिभाव से होली जीलीेल.


महत्व- होली उल्लास और मस्ती का त्यॹई. यह वर्ष भर के बैर विरोध को भुलाकर गलंर गलं. कुछ लोग शराब आदि का सेवन करके अशोभनीपभनीउ. इसे रोका जाना चाहिए. होली के द्वारा हमें सामाजिक प्रेमभाव को बढ़ाने के अअसर प्राप्त होते ैैै. सददेश- मेल मिलाप Fler और प्रेम की ृदृद्धि होली के त्योहार का लक्ष्य ैैै. होली का त्योहार हिन्दू धर्म से सम्बन्धित होने पर भभ धार्मिक भेदभाव से युक्त ैैै. इस त्योहार का आधार सामाजिकता हैं. लोगों को मतभेद भुलाकर परस्पर प्रेम एएं मेल से रहने का सददेश होली देती ैैै. एक दूसरे के गले मिलकर सारे गिले शिूव।.


दूसरों की हंसी उड़ाने की आदत तो मनुंऋीुं. परन्तु होली अपने ऊपर ही हंसने का अैसद. इससे आदमी के दोष उसके सामने आते हैं. यह भी पढ़ें —. धार्मिक मान्यताओ के अनुसार होलिका ददन की आआ बबुत प्रभावी और पवित्र मानी जाती ैै. जिसके प्रभाव से रोग, दोष दूर हो जात।े ह इस दिन लोग घर के बाहर बबच चौराहे पू गोबर कघपले ूूूी फूफूी चचज़ों ूूूउचखखों ैफूउखखखदददैैै.... .खददददददै...... .ददददददद .ै.... .ददददददैै. इसके बाद महुर्त के अनुसार उसमे आगीतजगीत घर की महिलायें इसकी परिक्रमा करतीह। घर से लाए गये ुज़ुज़िया और अन्य पकवानों ससकी पूजा की जाती ैै. इस प्रकार अपने घर से अकरात्मकता को दूर करने के लिए प्रार्थना की जाती ैै.


होली के उत्सव के पछछे एक दिलचस्प कहानी ैै जिसका बबुत महत्व ैै. प्राचचन काल में इस पर्व की शुरुआत राजा हिरण्यकश्यप और उसकी बबन होलिका के अअकार और हिरण्यकश्यप क पुत्र प्रह्लाद की भक्ति से ुईुई थथ. हिरण्यकश्यप वरदान के रूप मद शक्तियां प्राप्त ुईुई थथं ,ंजज ाबल पर वहपनी प्रजा का राजा बना. कहा जाता ैै कि भक्त प्रह्लाद भभवान विष्णु का नाम लेते थे. प्रह्लाद के पिता ने उसे भभवान का नाम लेने से रोका क्योंकि वह खुद को भभवान मानता था. प्रह्लाद इस बात को किसी भी तरह से सीनरररर प्रह्लाद कअेक दण्ड दिये गये परन्तु ईश्वर की कृपा से वे सभभ दण्ड असफल रहे. हिरण्यकश्यप की होलिका नाम की एक ब।न न नाम होलिका को वरदान था कि आग उसे जला नकसऀथ होलिका ने प्रह्लाद लिो गोद लाई लिया और अपने भाई के आदेश पर चिता पर बैठ ईई. भभवान की महिमा के कारण, होलिका उस चिता में जलकर राख हो ईएईए लेकिन प्रह्लाद को कुछ नहीं ुआुआ. इसलिए इस दिन होलिका दहन भी किया जाहथ जाहई.


भभान कृष्ण से पहले यह त्योहार होलिका जलाकर ही मनाया जाता था, लेकिन भभवान कृष्ण ने इसे रंोो के त्योहार में बदल दिया. इस दिन भभवान कृष्ण ने होली के अअसर पर अपने घर आए राषस पूतना का धध किया था. बाद में उन्होंने इस त्योहार को रासलीला और गोपियों के साथ रेोहार के रें मनाया. तभभ सेइ पर्व परदिन में रें होली जलाने की परपरा बन ईई ैै. होली के त्योहार का अपने आप में एक साममें यह समाज में रहने वाले लोगों के लिए ढेर सारी खुशियां लेकर आता ैै. यह सभी समस्याओं को दूर कर लोगों को ीतर कर और उनके बंधन को मजबूत करता है। य्योहार दुश्मनों बदेता ैोस्तों मातल देता ैर और उम्र, जातिऔर धर्म के भर भेदभाव को दूर कर देता ैै.


एक दूसरे के प्रति अपना प्यार और स्नेह दिखाने के लिए वे अपने रिश्तेदारोऔऔर मोस्तों और बधाई कार्ड देते ैैै य्योहार रिश्तों और जबूॉत करने के लिए एक ॉॉनिक के लिे एका ॉॉनिता ैै, जो एक दूसरे को महान भावनात्मक बबधनों मावधधता ैै. हमारा प्रत्येक पर्व किसी-न-किसी प्राचचन घघना से जुड़ा ुआुआ ैै. होली के पछछे भभ एक ऐसी ही प्राचचन घघना ैै जो आज पहा कई लाख वर्ष पहले सत्ययुु में घघित ुईुई थथ. होली उत्सव के प्रारम्भ होने के पछछे भभ एक बबुत हो रोचक कहानी ैै. यह कहानी ैै एक अअंकारी राजा हिरण्य कश्यप एएं उनकी बबिन होलिका की और राजा के बेटे प्रहलाद की जो भभवान के प्रति समर्पित था.


राजा चाहता था कि सब उसकी भक्ति और पूजा करें लेकिन प्रहलाद भभवान विष्णु के भक्त थे. इसी कारण राजा और होलिका मिल कर प्रहलाद परत्याचार करते थे. फिर भभ जब वो उसकी भक्ति और भभवान पर विशशास तोड़ नहीं पाए तो उसे मारने के बबुत से उपाय किए. लेकिन जब सारे उपाय विफल ुएुए तो राजा और होलिका ने मिल कर उसे जला कर मारने की योजना बनाई. होलिका को एक चुनरी वरदान मसको मआ जला नहीं सकती थथ. प्रहलाद को अपनी गोदी में बैठा वो आ।।क।क।क। सौभाग्य से प्रहलाद, जिसे भभवान ने आशआशर्वाद दिया था बच गया और होलिका आआ मो जल कर भस्म हो गयी. होली से एक दिन पहले लोग होलिका ददन कर अअंकार पर आस्था कनाते ैै.


होली का त्योहार प्रमुखत: दो दिन का त्योहार ैै जिसमे पहले दिन होली ददन का कार्यक्रम होता ैै. होलिका ददन के दौरान, हर कोई इसके चारोओ ओर घूमता ैैैर अपने अच्छे स्वास्थ्य और प्रसिद्धि की कामना करता ैै. और साथ ही साथ अपनी सभी बुराईयों को ऍथस इस मान्योहार मभ ैसी मान्यता भभ ैै मालिश करने शरीर की मालिश करने दूर हो जाती ैराइयां दूर जो जाती ैरा और साथ ही यरे साल स्वस्थ और फिट रहता ैै. होलिका ददन की अअली सुबुब के बाद, लोग एक साथ रंगीन होली मनाने के लिए एक जजइ इकट्ठा होते ैैै. इसकी तैयारी इसके आने के एक हफ्ते पहले से ही शुरू हो जाती है तो क्या बच्चे और बड़े सभी इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं और खूब खरीदारी करते हैं एक हफ्ते पहले ही वह अपने दोस्तों, पड़ोसियों और प्रियजनों के साथ पिचकारी और रंगीन गुब्बारों से खेलना शुरू कर देता था। इस दिन लोग एक-दूसरे कर जाते ैैै र ंग औऔलाल लगाते ैैै और मजेदार व्यजजनों का आनदद लेते ैैै.


यह पर्व हिदूदू पचचांग के अनुसार फाल्ुुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता ैै. यह त्यौौार बुराई की सत्ता पर अच्छाई की विजय का भभ संकेत ैै. यह ऐसा त्यौौार ैै जब लोग एक दूसरे मिलते ैैै, ँँसते ैैै, समस्याओओ कको भूल जाते ैैै और एक दूसरे को माफ करके रिश्तों का पुनरुत्थान करते ैै. यचचद्र मास, फाल्ुुन की पूर्णिमा के कीतिम दिन, गर्मी के मौसम की शुरुआत और सर्दियों के मौसम के अअत मनाया जाता ैै. यबुुत सारी मस्ती और उल्लास का गतिविधियों का त्यौौार ैै जो लोगों को एक साथ बाँधता ैै. हर किसी के चेहरे पए बड़बड़ मुस्कान होती ैैैर अपनी खुशखुश को दिखाने के लिए वे नए कपड़े पहनते ैैै. होली वसंत ऋतु में मनाए जाने वाला भारतीय और नेपाली लोगों का एक महत्वपूर्ण त्योहार ैै. यह त्योहार हिदूदू कैलेडडर कअनुसार फाल्ुुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता ैै. होली रंगों और हंसी का त्योहार है। यह भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार ैै जिसे आज पूरी दुनिया में मनाया जा रहा ैै. रंंोों का त्योहार कहा जाता ैै यह त्योहार पारपरिक रूप मदो दिनों तक मनाया जाता ैै.


यह त्यौौार कई अन्य देशों मभभामाम से मनाया जाता ैै जजां अल्पसखख्यक हिदूदू रहते ैैै. पहले दिन होलिका जलाई जाती ैै जिसे होलिका ददन भभ कहा जाता ैै. दूसरे दिन जिसे मुख्य रूप से धुलेंडी और धुरडी, धुरखेल या धुलीवंदन के नाम से जाना जाता है, लोग एक-दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल आदि फेंकते हैं, ढोल बजाकर होली के गीत गाए जाते हैं और लोग घर-घर जा कर रंग लगाते हैं।. ऐसा माना जाता ैै कि होली के दिन लोग पुरानी कड़ड़ाहट कोस्लकर मिर मिलते ैन और फिर सोस्त बन जाते ैैै. एक दूसरे को रंगने और गाने बजाने का ॰दौ इाम बाद स्नान कर आराम करने के बाद नए कपड़े पहनकर शाम को लोग एक दूसरे के घर जाते ैैै, गले मिलते ैैै मिठाई खिलाते ैैै. Läs också — ओशो के अनमोल विचार.

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